क्या है इस कहावत का मतलब? – चार मिले चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़
“चार मिले चौंसठ खिले, बीस रहे कर जोड़! प्रेमी सज्जन दो मिले, खिल गए सात करोड़!!”
मुझसे एक बुजुर्गवार ने इस कहावत का अर्थ पूछा, काफी सोच- विचार के बाद भी जब मैं बता नहीं पाया, तो मैंने कहा – “बाबा आप ही बताइए, मेरी समझ में तो कुछ नहीं आ रहा !”
तब एक रहस्यमयी मुस्कान के साथ बाबा समझाने लगे – “देखो बेटे, यह बड़े रहस्य की बात है…
चार मिले – मतलब जब भी कोई मिलता है, तो सबसे पहले आपस में दोनों की आंखें मिलती हैं, इसलिए कहा, चार मिले !